हुस्न क्या चीज है, उन आंखों में डूबकर जाना
इश्क क्या होता है, अश्कों को बहाकर जाना
वो मुसलसल रहती है मेरे जिस्मो-जां में
अपने खयालों की किताबों को पढ़कर जाना
लुत्फ मिलता है गमे फिराक के मंजर में भी
हिज्र में चांद-सितारों के संग जागकर जाना
बुझ गया था वो चिराग मेरे जीवन का
मैंने शहनाई की आवाज को सुनकर जाना
गमे फिराक – जुदाई का गम
हिज्र – जुदाई
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
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