इश्क के दर्द से दामन न बचा पाएंगे
अपनी तन्हाई में जब तुमको जुदा पाएंगे
इन खयालों से ही दिन-रात हम रोते हैं
कि तेरे दिल से आंसू को ना मिटा पाएंगे
हमने पाया है किस्मत को तवायफ की तरह
हर तमाशे में किसी से ना वफा पाएंगे
दूर मंजिल है तेरी आंख में काजल सा बना
जाने कब तुमसे नज़र हम मिला पाएंगे