बंद कर ली आंखें और लब थरथराए
आ गए करीब फिर तुम क्यूं शरमाए
दिन में कह लेना जो भी हो गिले शिकवे
तेरी खामोश जुबां मुझे रातों को समझाए
तेरे आगोश में मिटता है मेरा नामोनिशां
सिर्फ अहसास मेरी रूह बनकर रह जाए
जब तलक सामने ये तेरी हसीं सूरत है
तब तलक सारे जमाने का गम मर जाए
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
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