ये साज जो तुम दे गए वो बज न पाते हैं
हम इश्क तुमसे कर गए पर कह न पाते हैं
मेरे कदमों के नीचे जो थोड़ी सी जमीन है
उस पर हम एक पल के लिए टिक न पाते हैं
हमसे अगर ये राज तुम बतलाओ तो जानूं
तेरी गली से अलग क्यूं कोई राह न पाते हैं
बस्ती की हर गली में तुम कैद में जीती हो
हम तो बिना उड़े हुए कभी जी न पाते हैं
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
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