नाजुक से कई राज गजलों में लिखते हैं
नादान सी ये बातें दिल को छू लेते हैं
हंसते हैं कई फूल गुलशन में जवां होके
दुनिया की उंगलियों में वो टूट कर रोते हैं
जिसने न कभी इश्क का है लुत्फ उठाया
वो रात को बिस्तर में आराम से सोते हैं
आसान नहीं है मगर हमने ये किया है
आशिक के जनाजे को कांधे पे ढ़ोते हैं