वो बड़े उदास से आए थे, और खुद में ही समाए थे
मुझे ये खबर ना हो सकी, वो मेरी तलाश में आए थे
बेखुदी में भी उन्हें खामोशी पे बड़ा इख्तियार था
वो हमें जो कहके जा चुके, हम उन्हें समझ न पाए थे
अब चांदनी फिजा में भी इक रोशनी है बहार की
अहसासे-इश्क जब हुआ तब हम ये देख पाए थे
तन्हा ये जिंदगी मेरी उस ओर हमको ले गई
जिस ओर की तन्हाई में उन्हें याद हम कर पाए थे
oohug
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सायरी
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