ईमान से वो गिर गए पर उठ गए बेईमान से
शैतान जो पर्दे में थे, वो पूजे गए इंसान से
पत्थर से पूछ बैठे हम आईनों के हाले-दिल
उनका जवाब आया कि लगते हो तुम नादान से
करवट बदलता रह गया ये रोशनी आठों पहर
सब देखो परेशान हैं जीवन की सुबहो शाम से
नजर की लाज बच गई तुझे देखकर ऐ जानेजां
वरना मैं तो नाराज था बेवफाओं के जहान से
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
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