तुझे दास्तां सुनाऊंगा जब पास बैठोगे कभी
ये राजे दिल दिखाऊंगा जब पास बैठोगे कभी
मेरे हाल-ए-दिल में है दर्द की तन्हाइयां
और सीने में है दूर तक तुझे पाने की बेताबियां
ये इश्क मैं जताऊंगा जब पास बैठोगे कभी
तुम तो कभी न पढ़ सके मेरे निगाहों की जुबां
यूं कब तलक लोगे तुम मेरे सब्र का इम्तहां
मैं अब बड़ा बेसब्र हूं कब पास बैठोगे कभी
ये राजे दिल दिखाऊंगा जब पास बैठोगे कभी
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तुम खुश रहो हमारा कःया Patel