जिंदगी का कोई ख्वाब पूरा नहीं होता
होता अगर तो शख्स अधूरा नहीं होता
ख्वाहिशों की प्यास कभी बुझ नहीं पाती
कभी रेतों में समंदर का बसेरा नहीं होता
आंखों में जल रही है जबसे तेरी शमा
मेरे रूह की गलियों में अंधेरा नहीं होता
अश्कों से भीगो देता है हर रात जमीं को
आसमा रोता ही रहता जो सबेरा नहीं होता