मैं हरियाणा से प्रीति हूं। मेरी शादी 2013 में हुई थी। उस समय मैं बीस साल की थी। मैं राजपूत परिवार से हूं और हमारे यहां शादी से पहले लड़की को लड़का से नहीं मिलने देते। मैंने सिर्फ उनकी फोटो देखी थी। शादी के बाद पता चला कि मेरे पति को कैंसर था। मेरी सास को भी ब्रेस्ट कैंसर था और ससुर को बोन कैंसर। जब मुझे पता चला तो मैं बहुत रोई लेकिन सब एक्सेप्ट कर लिया क्योंकि शादी के बाद बेटी को मां-बाप घर में रखना नहीं चाहते।
मैंने अपने पति से ये भी कभी नहीं पूछा कि आपने शादी से पहले ये बात क्यों नहीं बताई? मैंने सब एक्सेप्ट किया और लाइफ आगे बढ़ने लगी। पति ने काफी प्यार दिया। इस बीच मेरी एक बेटी हुई। एक दिन पति की छाती में दर्द होने लगा। चंडीगढ़ में डॉक्टर ने बताया कि छाती में ट्यूमर है जिसका ऑपरेशन करना होगा। ट्यूमर की जांच में पता चला कि उसमें कैंसर था। मैं बहुत रोई।
दो साल तक पति की कीमोथेरेपी चली। मैं दिन-रात पति की सेवा करती रही ताकि उनकी जिंदगी बचा सकूं। मेरे सास, ससुर और पति को कैंसर मेरी शादी से पहले से था फिर भी वेे मुझे दोष देने लगे कि मेरी वजह से उनके घर में सभी बीमार हुए हैं। मैंने कभी उनको उलटकर जवाब नहीं दिया कि आप सब क्यों ऐसा बोल रहे हो क्योंकि मैं मानती हूं कि रब सब देखता है कि कौन सच्चा और कौन झूठा। मेरी सफाई देने से कुछ होने वाला नहीं था।
घर में एक समय ऐसा भी आया कि सास, ससुर और पति, तीनों की कीमोथेरेपी चल रही थी और ऊपर से मेरी परीक्षा थी, छोटा बच्चा था। मैंने बहुत परेशानी झेली। पिछले साल सितंबर में मेरे पति की मौत हो गई। उस दिन के बाद से मेरी जिंदगी बहुत बुरी हो गई। मेरे खाते में हरियाणा सरकार से मिले करीब 30,000 रुपए थे क्योंकि मैं पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मेरे सास-ससुर ने बैंक से मेरा सारा पैसा निकाल लिया। मैंने बेटी के लिए सेविंग की थी।
मेरी एक ननद है जिसकी शादी नहीं हुई है और प्रॉपर्टी पर उसकी नजर है। सास ससुर मुझे कहते हैं कि तेरा यहां कुछ नहीं है। वो मुझे घर से निकालने की और मेरी बेटी को भी छीनने की धमकी देते हैं। सास-ससुर कहते हैं कि तुझे घर से जाना है तो जा लेकिन तेरी बेटी को नहीं देंगे। मैं अपनी बेटी के बिना नहीं रह सकती। सास-ससुर ने कहा कि अगर तू बेटी को ले जाएगी तो खून की नदी बहा देंगे।
मैं अभी बीएड कर रही हूं और 25 साल की हूं। मेरी सास मुझसे कह रही है कि तू अपने ससुर का इंजेक्शन लगवा ले, एक बेटा पैदा करके हमें दे। मैंने हिम्मत करके बोल दिया कि मैं ये नहीं कर सकती, सबलोग क्या कहेंगे, कुछ तो शरम करो। मेरी सास दूसरों से फोन पर कहती है कि मैं जबर्दस्ती इसे इंजेक्शन लगवा दूंगी, कौन है जो रोक लेगा।
मुझे बताइए कि मैं क्या करूं? ये लोग न मुझे मां-बाप के पास जाने देते हैं। अब तो कोई ऐसा भी नहीं है कि मैं जिसके सामने रो लूं, अपने मन की बात किसी से कह लूं। मैं अपनी बर्बाद जिंदगी के बारे में मां-बाप को भी नहीं बता पा रही, वो तो पहले से मेरी वजह से दुखी हैं, उनको और दुखी नहीं करना चाहती। क्या सास-ससुर मेरी बेटी को मुझसे छीन सकते हैं, मैं ऐसी परिस्थिति में क्या करूं?