कुछ दिनों से जाने यह कहां खो गया है
मेरा ये दिल भी अजनबी सा हो गया है
मुझमें तुम हो और बेखुदी में गुम हूं मैं
आईना कहता है, मुझे इश्क हो गया है
कुछ दर्द जो देते हैं रोज जिगर पे दाग
तेरा गम उसे आज आंसू से धो गया है
कभी फुरसत मिले, मेरे दिल को सुनो
जो तेरी याद में चुपके-चुपके रो गया है