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तुम मुझे छोड़के चली जाओ कहीं मेरा इ्श्क दिल से मिटेगा नहीं मुंतजिर रहूंगा मैं मौत तलक यह इंतजार मुझसे छूटेगा नहीं Tum Mujhe Chhodke Chali Jao Kahin Mera Ishq Dil Se Mitega Nahi Muntazir Rahunga Mein Maut Talak Yahh Intezar Mujhse Chhutega Nahi ©rajeev singh shayari
शायरी – दर्दे जुदाई हम सह न सके
feelings of lover in shayari who fights unto death
hindi text
दुनिया वाले गली-गली में दीवार बनाते हैं
मुहब्बत का सर काट दे वो तलवार बनाते हैं
ये अदा है दुश्मनी की जो हर आशिक को
अपनी ही मौत का तलबगार बनाते हैं
english text
duniya wale gali gali me deewar banate hain
mohabbat ka sar kat de wo talwar banate hain
ye adaa hai dushmnai ki jo har aashiq ko
apni hi maut ka talabgaar banate hain
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sentimental attitude of lover in shayari with image
hindi text
दिलजले जला देते हैं अपना ही आशियां
तोड़ देते हैं आशिकी में अपना ही मकां
अमर होने की उनमें हसरत नहीं होती
मिटा देते हैं वो खुद अपना नामो-निशां
english text
diljale jala dete hain apna hi aashiyan
tod dete hain aashiqi me apna hi makan
amar hone ki unme hasrat nahi hoti
mita dete hain wo khud apna namo nishan
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इश्क की ये अधूरी दास्तान तुमको सुनाने कहां जाऊं
आशिक की आहों को कौन सुनता है, उन फसानों को सुननेवाला कोई नहीं। जिसे सुनाना था वो तो कहीं और नई दुनिया बसाने के लिए चली गई। वो अब किस नए शहर में है, ये भी मुझे मालूम नहीं।
तुम कौन से शहर में चली गई मुझे छोड़कर। इश्क की बस अधूरी दास्तान रह गई है मेरे साथ तन्हा। तुम्हारा साथ जैसे यादों का सफर बनकर रह गया है जिसकी राहों में बस दर्द देनेवाले लफ्ज बिछे हैं।
उन यादों को रखा है सीने में संभालकर ताकि तुम कभी मिलो तो फिर उसे दुहरा सकूं। लेकिन शायद ये मुमकिन न हो। तुम एक बार जाती हो तो फिर कहां लौटकर आती है, मुड़कर भी तो नहीं देखती।
नया घर, नया शहर, नए लोग, नए रिश्ते। ऐसे में पुराने रिश्ते पुराने होते चले जाते हैं और तुम भी बहुत दूर निकल जाती हो। जिंदगी से दूर, खुद से दूर,अपनी मंंजिल से दूर। नई जिंदगी, नया सफर, जहां तुम्हारे सिर पर लाख जिम्मेदारियों का बोझ होता है। वो बोझ क्या कभी पुराने दिनों को याद करने देगी तुम्हें…
दिन गुजरते जाएंगे, साल गुजरते जाएंगे और उम्र भी गुजर जाएगी। मेरे हाथों में इश्क की ये अधूरी किताब कभी पूरी हो न पाएगी, न ही मैं इसे लिखकर पूरी कर पाऊंगा। अधूरा प्यार भी शायद अपने आप में मुकम्मल होता है। दो दुनिया के बीच में फंसे प्यार की मंजिल शायद जुदाई ही है…लेकिन दिल है कि तुमसे मिलने की जिद करता है। उसे कहां मालूम कि तुम कहां हो और मालूम हो भी तो शायद तुमसे मिल न सकूं..यही इश्क कहता है…
ये आहें सुनाते हैं कितने फसाने
कैसे जाएंगे हम तुमको सुनाने
तेरा शहर अब जाने कहां है
किधर तू गयी नई दुनिया बसाने
ye aahen sunate hain kitne fasane
kaise jaenge ham tumko sunane
tera shahar ab jane kahan hai
kidhar gayi tu nayi duniya basane
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