
दिले-नादां और कितनी दूर जाएगा
किस शहर में तेरा दर्द मिल जाएगा
जिन चिरागों से रोशनी खफा है अभी
उस बुझे दिल को चांद न मिल पाएगा
अब ये फुरकत के सदमे न सह पाएंगे
तेरे बिन जिंदगी खाक में मिल जाएगा
हर हकीकत से जुदा हूं मैं दुनिया में
बेखुदी तुमसे खयालों में ही मिल पाएगा
फुरकत – जुदाई
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
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दर्द को देखकर मुंह मोड़ना आसान नहीं
अभी इंसान हूं मैं, कोई भगवान नहीं
चीज दुनिया की उनको ही वापिस कर दी
मेरे दिल में सिवा तेरे कोई सामान नहीं
हुस्न पैदा ही होती है, बनाई नहीं जाती
बिना आशिक के उसकी कोई पहचान नहीं
दीद हो जाए, इतनी सी चाहत है फकत
दिले-नादां को और कोई भी अरमान नहीं
दीद – to see
©RajeevSingh
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