
जिंदगी तेरे इश्क में कितनी दूर हम चल चुके
मिला सुकूं कहीं नहीं, कितने शहर बदल चुके
घर की उम्मीदों को पूरी करने की कोशिश में
अपने दिल की सारी ख्वाहिशों को मसल चुके
आग बुझाने की कोशिश में सांस हम लेते रहे
सीने में उठते धुएं से कतरा कतरा जल चुके
मोम से ये वजूद मेरा बहुत जल्दी पिघलता है
दुख के इतने सांचों में अब तक हम ढल चुके
©rajeevsingh शायरी

IF YOU LIKE PLEASE SHARE THIS :

दिल का चिराग टूट गया, धुआं बिखर गया
वो धुआं खामोश जुबां पे आके ठहर गया
बादल सा ही सफेद था मेरा पुराना नाम
इश्क के सावन में वो कालिख से घिर गया
न दिखी थी धूप में दिल में रोशनी कोई
भीड़ में जीकर रूह का भी नूर देखो मर गया
सोचता हूं आंखों से कोई बूंद तो छलके
कतरा-कतरा आंसू से मेरा सीना भर गया
©RajeevSingh #love shayari
IF YOU LIKE PLEASE SHARE THIS :

मेरी नम आंख से रोशन सा धुआं उठता है
सीने में कहीं मेरे गम का दीया जलता है
सामने आते हो पर पलकें उठाते हो नहीं
तेरी इस हया से मेरा दर्द जनम लेता है
ये आवाज मेरी दीवारों से टकराती रही
गम मेरा तन्हा ही आशियां में रह जाता है
मैं फूल हूं कोई अंधेरों में खिला हुआ
तेरी जुल्फों में सजा गुलाब यही कहता है
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
IF YOU LIKE PLEASE SHARE THIS :

देखें कि जमाने में क्या गुल खिलाते हैं हम
अब तक तो दर्द को ही उगाते रहे हैं हम
कश्ती के मरासिम से दरिया में आ गए
वरना किनारों से ही दिल लगाते रहे हैं हम
मुहब्बत की आग में जो जलके खाक हो चुके
उनमें भी कुछ धुएं को जगाते रहे हैं हम
नहीं जानता बेवफाओं से क्या रिश्ता हमारा
अब तक तो उनसे फासले बनाते रहे हैं हम
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari

28.635308
77.224960
IF YOU LIKE PLEASE SHARE THIS :

जला रहा हूं ये दिल, कोई दीया तो मिले
हुए हैं खाक मगर हाय कहीं धुआं तो मिले
बुने हैं दर्द के धागों से इश्क की चादर
इसे बिछाऊंगा पर तेरा आशियां तो मिले
सजा रहा हूं कांटों को अपने गुलशन में
मेरे चमन को दीदार-ए-बहारां तो मिले
सजा-ए-मौत न मिल पाई इस मुजरिम को
मगर गुनाह की कोई दास्तां तो मिले
©RajeevSingh # love shayari #share photo shayari
IF YOU LIKE PLEASE SHARE THIS :
Read real life love stories and original shayari by Rajeev Singh