उनकी गली को जबसे जाना
बिसर गया मैं रस्ता घर का
अपनी सूरत भूल गया मैं
याद रहा चेहरा दिलबर का
हाल मिला नहीं अब तक हमको
उनके दिल के अंदर का
आंखों के आंचल का आंसू
भिगो गया दामन चादर का
उनकी गली को जबसे जाना
बिसर गया मैं रस्ता घर का
अपनी सूरत भूल गया मैं
याद रहा चेहरा दिलबर का
हाल मिला नहीं अब तक हमको
उनके दिल के अंदर का
आंखों के आंचल का आंसू
भिगो गया दामन चादर का
जब से दुनिया में आया है
दुख ही तेरा साया है
एक नजर देख जालिम
मीत पुराना आया है
अपने भी, पराए भी
सबने हमें रुलाया है
जीवन भी एक दुख ही है
इश्क में दुख ही पाया है
कल भी सोचा था तेरे बारे में
आज भी खोया तेरे खयालों में
वो उदासी भरा तेरा चेहरा
कितने आंसू थे उन निगाहों में
बेजुबां इश्क का निशां न मिटा
दर्द बनकर है तू मेरी आहों में
तुम मेरे दिल में उतर आई हो
रात कटती है गजल की बाहों में
दो कदम साथ चले तुम इस दुनिया में
मुद्दतों दर्द सहे हम इस दुनिया में
हमने आंचल जिसे समझा, कफन निकला
कितने धोखे हैं या रब इस दुनिया में
जुर्म ये तेरा नहीं है ओ जानेजां मेरी
मेरी किस्मत ही है मुजरिम इस दुनिया में
मौत ख्वाबों में भी आकर नहीं आती है
यूं ही मरता है आशिक इस दुनिया में