बस यही गिला है हमें अपनी नाकाम जिंदगी से
एक ख्वाहिश थी आखिरी, तू हमें मिल न सकी
कहां सात जनम तक साथ निभाने का वादा था
कहां सात कदम भी तू मेरे साथ चल न सकी
अब किसी से दिल लगाने का जी नहीं करता
मोहब्बत एक बार जो गिरी फिर संभल न सकी
खुद अपना ही भरोसा था कि जिंदा रहा वरना
तू तो अपने आशिक की जिंदगी बदल न सकी